कोई प्रासंगिक खोज परिणाम नहीं मिला.
ज़्यादातर खोजा गया
जहां आपने छोड़ा था वहीं से शुरू करें
कॉल
मौजूदा पॉलिसी के लिए
प्रीमियम, भुगतान या किसी सर्विसिंग आवश्यकता पर प्रश्न हैं?
हमें कॉल करें:
समर्पित एनआरआई हेल्पडेस्क:
सोमवार - शनिवार | भारतीय समयानुसार सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक
कॉल शुल्क लागू
नई पॉलिसी के लिए
क्या आप नई पॉलिसी ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं?
भारतीय निवासियों के लिए
सोमवार - शनिवार | भारतीय समयानुसार सुबह 8 बजे से रात 11 बजे तक
कॉल बैक के लिए मिस्ड कॉल दें:
सोमवार - रविवार | भारतीय समयानुसार सुबह 8 बजे से रात 11 बजे तक
सामान्य तौर पर, मेडिकल एमरज़ेंसी हमारे स्वास्थ्य और मानसिक सेहत पर बहुत असर डालती है. इसके अलावा, मेडिकल एमरज़ेंसी, विशेष रूप से गंभीर बीमारियों का वित्तीय पहलू काफी चिंताजनक हो सकता है. कई मामलों में, आपको अपनी जीवन की सारी सेविंग्स खर्च करनी पड़ सकती है या इससे भी बुरा हो सकता है, इलाज के बढ़ते खर्चों को पूरा करने के लिए कुछ संपत्तियाँ बेचनी पड़ सकती हैं.
हालांकि, यदि आपके पास क्रिटिकल इलनेस प्लान है तो आप सबसे खराब स्थिति से बच सकते हैं. टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस में खास प्लान विकल्प और राइडर शामिल हैं, जो आपकी क्रिटिकल इलनेस की कवरेज की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अच्छी तरह से लैस हैं. आइए क्रिटिकल इलनेस, कवरेज और ऑफर किए गए लाभों के बारे में अधिक जानें.
टाटा एआईए सम्पूर्ण रक्षा सुप्रीम नॉन-लिंक्ड नॉन-पार्टिसिपेटिंग इंडिविजुअल लाइफ इंश्योरेंस प्लान (UIN:110N160V03)
अता एआईए फ़ॉर्च्यून गारंटी प्लस नॉन-लिंक्ड, नॉन-पार्टिसिपेटिंग, इंडिविजुअल लाइफ इंश्योरेंस सेविंग्स प्लान (UIN: 110N158V09)
टाटा एआईए गारंटीड रिटर्न इंश्योरेंस प्लान व्यक्तिगत, नॉन-लिंक्ड, नॉन-पार्टिसिपेटिंग, लाइफ़ इंश्योरेंस सेविंग प्लान (UIN:110N152V11)
टाटा एआईए स्मार्ट वैल्यू इनकम प्लान इंडिविजुअल, नॉन-लिंक्ड ,पार्टिसिपेटिंग लाइफ इंश्योरेंस सेविंग प्लान (110N162V01)
एक क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी, जिसे क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस के नाम से भी जाना जाता है, इंश्योर्ड व्यक्ति को कई गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए डिज़ाइन की गई है, जो न केवल जानलेवा है, बल्कि समय पर इलाज न करने पर जान भी जा सकती हैं. गंभीर बीमारियाँ जैसे दिल का दौरा, स्ट्रोक, किडनी फ़ेलियर, कैंसर की अलग अलग स्टेज और कई अन्य ऐसी ही स्थितियां इस पॉलिसी के अंतर्गत आती हैं.
यह क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी लम्पसम बेनिफिट प्रदान करती है, जिसमें पॉलिसी के तहत बताई गई गंभीर बीमारियों के इलाज की बढ़ी हुई लागत को कवर किया जा सकता है. अगर आपके पास कोई स्टैंडअलोन क्रिटिकल इलनेस प्लान नहीं है, तो आप अपनी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में क्रिटिकल इलनेस राइडर जोड़ने का विकल्प भी चुन सकते हैं.
इस तरह के राइडर को कई क्रिटिकल इलनेस को कवर करने के लिए भी डिज़ाइन किया गया है, और अतिरिक्त प्रीमियम पर, आप न केवल मेडिकल देखभाल का ख़र्च वहन कर सकते हैं, बल्कि इनकम में होने वाली वित्तीय मुश्किलों के दौरान अपने परिवार की मदद भी कर सकते हैं.
नीचे कुछ महत्वपूर्ण कारण दिए गए हैं, जिनकी वजह से आपको क्रिटिकल इलनेस (गंभीर बीमारी) के लिए कवरेज लेना ज़रूरी होता है:
क्रिटिकल इलनेस प्लान द्वारा प्रदान की जाने वाली कवरेज की सीमा एक स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के समान नहीं होती है. क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस कवर, पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन, कई स्टेप्स में पहले से निर्धारित क्रिटिकल इलनेस (गंभीर बीमारियों) से सुरक्षा प्रदान करता है.
क्रिटिकल इलनेस प्लान से मिलने वाले पेआउट से आप गंभीर बीमारी का इलाज करवा सकते हैं और इनकम कम हो जाने की स्थिति में अपने परिवार की वित्तीय ज़रूरतों को पूरा कर सकते हैं. अगर आपको अपनी क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी के तहत लिस्ट की हुई किसी भी गंभीर बीमारी का पता चलता है, तो इलाज का वास्तविक खर्च चाहे जो भी हो, आपको पहले से निर्दिष्ट लम्पसम बेनिफिट दिया जाएगा. इससे आपको किसी भी अतिरिक्त मेडिकल/नॉन-मेडिकल खर्च को मैनेज करने की सुविधा मिलती है, जिसे आम तौर पर किसी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के तहत कवर नहीं किया जाता है.
क्रिटिकल इलनेस क्लेम फाइल करें और डायग्नोसिस रिपोर्ट पेश करें, जिसके बाद आपका इंश्योरर क्लेम प्रोसेस करना शुरू कर देगा. क्लेम प्रोसेस होते ही आपको लम्पसम (एकमुश्त) क्रिटिकल इलनेस बेनिफिट मिल जाएगा.
सभी क्रिटिकल इलनेस प्लान्स पहले से निर्दिष्ट वेटिंग पीरियड के साथ आते हैं जिसमें हो सकता है कुछ या सभी पॉलिसी बेनिफिट लागू ना हो. वेटिंग पीरियड के बाद, सभी निर्दिष्ट प्लान बेनिफिट एक्टिव हो जाते हैं.
मेडिकल खर्चों के अलावा, इलाज से पहले और बाद का फेज मुश्किल होता है. इस दौरान काम करना संभव नहीं हो सकता है, जिसके कारण इनकम में कमी आती है, ख़ासकर अगर आप अपने परिवार में अकेले कमाने वाले हैं. क्रिटिकल इलनेस प्लान का बेनिफिट इनकम में होने वाली कमी पर भी कवरेज प्रदान करता है.
आप अपनी क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी के प्रीमियम का भुगतान अपनी सुविधानुसार करना चुन सकते हैं. पॉलिसी चुनते समय, आप मासिक, तिमाही, अर्ध-वार्षिक या वार्षिक प्रीमियम भुगतान मोड का विकल्प चुन सकते हैं, जिससे आपको अपने क्रिटिकल इलनेस के प्लान को बनाए रखना और अपने अन्य खर्चों को मैनेज करने में आसानी होती है.
लाइफ इंश्योरेंस क्रिटिकल इलनेस कवर
जब वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने की बात आती है, तो एक क्रिटिकल इलनेस कवर आपको और आपके परिवार को गंभीर बीमारी के इलाज और उससे रिकवर होने के अत्यधिक खर्चों से बचा सकता है. यह कवर सुनिश्चित करता है कि अपने मेडिकल खर्चों के लिए अपनी सेविंग ना खर्च करनी पड़े.
हालांकि दिल की बीमारी, कैंसर और स्ट्रोक सबसे आम गंभीर बीमारियों में से हैं, क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस में कई तरह की गंभीर बीमारियों को कवर किया जाता है, जो आपको प्रभावित कर सकती हैं. इनमें किडनी फ़ेलियर, मेजर ऑर्गन ट्रांसप्लांट, मल्टीपल स्केलेरोसिस आदि जैसी कंडीशन शामिल हैं, लेकिन ये इन्हीं तक सीमित नहीं हो सकती हैं.
किसी गंभीर बीमारी के सबसे मुश्किल हिस्सों में से एक है बीमारी के असर की वजह से नौकरी या अपना काम ना कर पाना. अगर आप अपने परिवार में अकेले कमाने वाले हैं, तो इसका मतलब है कि आपके परिवार की इनकम में कमी हो जाएगी. हालाँकि, क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी में मिलने वाले बेनिफिट से आप ठीक होने के दौरान अपने प्रियजनों का भरण-पोषण कर सकते हैं.
आपके पास पहले से ही एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी हो सकती है, जिसमें आपको और आपके परिवार को कुछ ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के लिए कवर किया जाता है, जिनके लिए अस्पताल में भर्ती होने और मेडिकल देखभाल की ज़रूरत होती है. हालाँकि, अगर आप अपने पोर्टफोलियो में क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी जोड़ते हैं, तो आप न केवल सामान्य हेल्थ कंडीशंस से, बल्कि कई गंभीर बीमारियों से भी सुरक्षित रहते हैं.
गंभीर बीमारी के इलाज का खर्च लाखों रुपये में हो सकता है और कई लोगों के लिए, अच्छी हेल्थकेयर का खर्च उठाना काफी मुश्किल हो सकता है. इसका मतलब यह भी हो सकता है कि समय पर इलाज न मिले. क्रिटिकल इलनेस प्लान के साथ, आपको तुरंत और अच्छी क्वालिटी की हेल्थ सर्विस मिलती है.
क्रिटिकल इलनेस प्लान्स आपको गंभीर बीमारी के इलाज की बढ़ती लागत से बचाते हैं, आप अपने क्रिटिकल इलनेस प्लान की प्रीमियम भुगतान अवधि और पॉलिसी अवधि चुन सकते हैं. इसका मतलब है कि आप आसानी से कवर के लिए भुगतान कर पाएँगे और किफ़ायती प्रीमियम का भुगतान भी सुनिश्चित कर पाएँगे.
जैसा कि आप पहले से ही जानते होंगे, क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस के लिए देय प्रीमियम, इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80D के तहत टैक्स में कटौती योग्य हैं. टैक्स बचाने में आपकी मदद करके, क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी टैक्स प्लानिंग करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकती है. हालांकि इस बात पर ध्यान दें कि क्रिटिकल इलनेस प्लान का मुख्य मकसद टैक्स बचाना नहीं है.
जब आप क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस प्लान खरीदते हैं, तो पॉलिसी का लाभ उठाने के लिए पॉलिसी लेने की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होती है, जबकि इंश्योरेंस प्रोवाइडर के नियम और शर्तों के अनुसार पॉलिसी लेने की अधिकतम आयु अलग-अलग हो सकती है. यह समझने के लिए कि क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस पॉलिसी से किसे फ़ायदा हो सकता है, यहाँ पॉलिसी लेने वालों को कैटगराइज़ किया है:
40 साल से ज्यादा उम्र के लोग
40 वर्ष से अधिक आयु के बहुत से लोगों को ज़िम्मेदारियों के तनाव और बुढ़ापे की वजह से गंभीर बीमारी होने का खतरा ज़्यादा होता है. भले ही किसी छोटी उम्र के व्यक्ति को भी गंभीर बीमारी का खतरा हो, लेकिन इस उम्र में मेडिकल ट्रीटमेंट की ज़्यादा लागत को कवर करने और अपने परिवार के वित्तीय भविष्य की सुरक्षा करने के लिए क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस करवाना और भी ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है.
गंभीर बीमारी से पीड़ित फॅमिली हिस्ट्री वाले लोग
अगर आपके परिवार में पहले किसी को गंभीर बीमारी थी, तो गंभीर बीमारी के लिए कवर लेना उचित होगा. ऐसा इसलिए है, क्योंकि आनुवंशिक रूप से (जनेटिक्ली), ऐसी फॅमिली हिस्ट्री वाले किसी व्यक्ति के गंभीर बीमारी से प्रभावित होने की संभावना किसी ऐसे व्यक्ति से ज़्यादा हो सकती है, जिसकी ऐसी फॅमिली हिस्ट्री नहीं है. हालांकि हमेशा ऐसा हो यह जरूरी नहीं है, लेकिन तैयार रहना हमेशा बेहतर होता है.
ज़्यादा प्रेशर वाली नौकरी में काम करने वाले लोग
कई गंभीर बीमारियाँ जैसे स्ट्रोक, कैंसर और दिल से जुड़ी बीमारियाँ अक्सर ज्यादा तनाव लेने की वजह से होती हैं. अगर आप किसी ऐसी इंडस्ट्री या प्रोफेशन में काम करते हैं, जिसमें पर्याप्त आराम या छुट्टियां न होने के कारण लंबे समय तक काम करना पड़ता है, तो आपको गंभीर बीमारी के प्रभावित होने का खतरा हमेशा बना रहता है. मेडिकल ट्रीटमेंट के खर्च से खुद को सुरक्षित रखने के लिए क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है.
प्रीमियम पर टैक्स^ कटौती
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस कवर खरीदने पर, पॉलिसी के लिए आपके द्वारा भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम पर हर साल ₹25,000* तक की टैक्स कटौती दी जा सकती है. 1961 के इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80D के अनुसार, यह कटौती मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम पर लागू होती है और इसलिए, यह गंभीर बीमारी के लिए कवर भी है.
माता-पिता के लिए कटौती
अगर आप अपने माता-पिता के लिए क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस का प्रीमियम चुका रहे हैं, तो आपको हर साल ₹25,000 तक की अन्य कटौती का क्लेम करने का बेनिफिट मिलेगा. अगर आपके माता-पिता में से एक या दोनों वरिष्ठ नागरिक हैं, तो यह सीमा ₹50,000 तक हो सकती है.
डबल बेनिफिट
क्रिटिकल इलनेस बेनिफ़िट पॉलिसी न केवल गंभीर बीमारी के कारण होने वाले सभी मेडिकल खर्चों को कवर करने के लिए एक समझदारी भरा विकल्प है, बल्कि यह टैक्स बचाने में भी आपकी मदद कर सकती है. इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80D के तहत, आप ₹1 लाख रूपये** तक की सेविंग कर सकते हैं, जो आपकी सुरक्षा और फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए भी बहुत अच्छा हो सकता है.
*25,000/- रूपये की छूट सिर्फ़ 60 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों के लिए उपलब्ध है, बशर्ते कि लागू शर्तें पूरी हों.
**अधिकतम लाभ 100,000/- रूपये तभी हो सकता है, जब इंडिविजुअल और उसके माता-पिता वरिष्ठ नागरिक हों, बशर्ते कि लागू शर्तें पूरी हों.
सम अश्योर्ड
क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी चुनते समय, यह सुनिश्चित कर लें कि आप ऐसी बीमा राशि (सम अश्योर्ड) चुनें, जो इलाज के मेडिकल खर्चों से निपटने के लिए पर्याप्त हो. साथ ही, यह भी सुनिश्चित कर लें कि बीमा राशि (सम अश्योर्ड) का लम्पसम पेआउट मिले, जो आपके परिवार का भरण-पोषण कर सके, क्योंकि गंभीर बीमारी के परिणामस्वरूप इलाज और ठीक होने की अवधि के दौरान भी इनकम कम हो जाती है.
पॉलिसी का चुनाव
अगर आपके पास लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी है, तो आप अपनी पॉलिसी के कवरेज को बढ़ाने के लिए क्रिटिकल इलनेस राइडर चुन सकते हैं. गंभीर बीमारी होने की स्थिति में, राइडर सम अश्योर्ड का लम्पसम पेआउट दिया जाएगा. या, आपको गंभीर बीमारी की प्रकृति के आधार पर, उदाहरण के लिए, छोटी या बड़ी स्टेज की कंडीशन के आधार पर, राइडर सम अश्योर्ड का कुछ प्रतिशत मिल सकता है.
इन्क्लूश़न और इक्स्क्लूश़न
कोई भी इंश्योरेंस प्लान, ख़ासकर क्रिटिकल इलनेस प्लान चुनते समय, कवर की जाने वाली बीमारियों की लिस्ट के अलावा, सामान्य इन्क्लूश़न (क्या शामिल है) और इक्स्क्लूश़न (क्या शामिल नहीं है) ज़रूर देखें. आपके द्वारा चुनी गई पॉलिसी के आधार पर, कुछ बीमारियों के कुछ खास स्टेजेस को पॉलिसी के तहत कवर नहीं किया जा सकता है, और अगर आप पहले से बहिष्करण (इक्स्क्लूश़न) पर विचार नहीं करते हैं, तो इससे समस्याएँ हो सकती हैं.
आपकी आयु
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस प्लान्स में फायदे प्राप्त करने के लिए एक निर्दिष्ट अधिकतम आयु सीमा होती है. हालाँकि, आप जितनी जल्दी क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी लेंगे, पॉलिसी के तहत आपको बेहतर कवरेज मिलने की संभावना उतनी ही बेहतर होगी. आप न केवल गंभीर बीमारियों से खुद को कवर करने के लिए जल्दी तैयारी कर सकते हैं, बल्कि आपको कम प्रीमियम का भी फायदा मिल सकता है.
वेटिंग पीरियड
क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी का वेटिंग पीरियड (आमतौर पर 6 महीने) होता है , जिसके दौरान आपको अपनी पॉलिसी के बेनिफिट नहीं मिल सकते हैं. यह पीरियड यह सुनिश्चित करने के लिए दिया जाता है कि आप पॉलिसी के बेनिफिट तभी ले सकते हैं, जब प्लान खरीदने के बाद किसी बीमारी के होने का पता चलता है.
कवर की गई गंभीर बीमारियों की संख्या
सामान्य तौर पर, सभी क्रिटिकल इलनेस प्लान्स और राइडर्स क्रिटिकल इलनेस की एक रेंज को कवर करते हैं. लिस्ट में ज़्यादातर सभी बढ़ी बीमारियाँ शामिल हैं, लेकिन जाँच कर लेना न भूलें कि कौन सी बीमारियाँ मौजूद हैं कौन सी नहीं. इससे आपको पॉलिसी या राइडर चुनने में मदद मिल सकती है, जिसमें बड़ी बीमारियाँ और साथ ही कोई भी शर्तें शामिल हों.
टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस अपने वैकल्पिक राइडर और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के जरिए गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है. ये इस प्रकार हैं:
आइए टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस स्मार्ट हेल्थ शील्ड प्लान और हेल्थ प्लान विकल्पों के तहत कवर की जाने वाली अलग-अलग गंभीर कंडीशंस का उदाहरण लेते हैं:
माइनर स्टेज की कार्डियोवैस्कुलर कंडीशंस: |
मेजर स्टेज की कार्डियोवैस्कुलर कंडीशंस: |
एंजियोप्लास्टी |
मायोकार्डियल इन्फ़र्क्शन (निश्चित गंभीरता का पहला हार्ट अटैक) |
बैलून वाल्वोटॉमी या वैल्वुलोप्लास्टी |
ओपन चेस्ट सीएबीजी (कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्ट) |
कैरोटिड आर्टरी सर्जरी |
ओपन हार्ट रिप्लेसमेंट या हार्ट वाल्व को रिपेयर करना |
इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफ़ाइब्रिलेटर |
एओर्टा की मेजर सर्जरी |
हार्ट में पेसमेकर इम्प्लांटेशन |
हार्ट ट्रांसप्लांट |
संक्रामक एंडोकार्टिटिस |
कार्डियोमायोपैथी |
एओर्टा की मिनिमली इनवेसिव सर्जरी |
|
पेरिकार्डिक्टोमी |
|
पल्मोनरी थ्रोम्बोएम्बोलिज्म |
|
कार्डियक एरिथमिया के लिए सर्जरी |
|
वेंट्रिकुलर असिस्ट डिवाइसेस या टोटल आर्टिफिशियल हार्ट्स लगाने के लिए सर्जरी |
नीचे हार्ट इंश्योरेंस कवर या कैंसर केयर के तहत आने वाली माइनर और मेजर स्टेज कंडीशंस की लिस्ट दी गई है
माइनर स्टेज कैंसर |
मेजर स्टेज कैंसर |
शुरुआती स्टेज का कैंसर |
निश्चित गंभीरता का कैंसर |
किसी भी ऑर्गन का कार्सिनोमा-इन-सीटू (त्वचा और प्रोस्टेट को छोड़कर) |
क्रिटिकल केयर के तहत गंभीर बीमारी की लिस्ट नीचे दी गई है
अपैलिक सिन्ड्रोम |
मेजर हेड ट्रॉमा |
अल्जाइमर की बीमारी |
मेजर ऑर्गन (हार्ट शामिल नहीं है)/बोन मैरो ट्रांसप्लांट |
अप्लास्टिक एनीमिया |
मेडुलरी सिस्टिक किडनी रोग |
बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस |
स्थायी लक्षणों के साथ मोटर न्यूरॉन रोग |
ब्रेन ट्यूमर (जो घातक न हो) |
लगातार होने वाले लक्षणों के साथ मल्टीपल स्क्लेरोसिस |
अंधापन |
मस्कुलर डिस्ट्रोफी |
क्रोनिक रेकर्रेंट पैन्क्रियाटाइटिस |
नेक्रोटिसिंग फासिटिस |
निश्चित गंभीरता का कोमा |
पार्किंसन रोग |
बहरापन |
अंगों का स्थायी पैरालिसिस |
इंसेफेलाइटिस |
प्रोग्रेसिव स्क्लेरोडर्मा |
आखिरी स्टेज पर लीवर फेलियर |
गंभीर रूमेटाइड आर्थराइटिस |
आखिरी स्टेज पर लंग फेलियर |
रेनल इंवॉल्वमेंट के साथ एसएलई |
फुलमिनेंट वायरल हेपेटाइटिस |
स्ट्रोक जिसके स्थायी लक्षण होते हैं |
किडनी फ़ेलियर जिसके लिए समय-समय पर डायलिसिस की ज़रूरत होती है |
थर्ड डिग्री बर्न्स |
बोल ना पाना |
टाटा एआईए वाइटैलिटी प्रोटेक्ट/टाटा एआईए वाइटैलिटी प्रोटेक्ट प्लस/ टाटा एआईए लाइफ़ इंश्योरेंस कॉम्प्रिहेंसिव प्रोटेक्शन राइडर/ टाटा एआईए लाइफ़ इंश्योरेंस लिंक्ड कॉम्प्रिहेंसिव प्रोटेक्शन राइडर गंभीर बीमारियों की लिस्ट को कवर करता है. क्रिटिकेयर प्लस में कैंसर और हृदय संबंधी बीमारियों के साथ-साथ 40 गंभीर बीमारियों की लिस्ट के प्रति कवरेज दिया जाता है. एक बार कवर की गई किसी भी कंडीशन का पता चलने के बाद, राइडर सम अश्योर्ड का भुगतान कर दिया जाता है.
नंबर |
गंभीर बीमारी/कंडीशन/रोग |
1 |
कैंसर: निश्चित गंभीरता का कैंसर |
हृदय संबंधी बीमारियाँ |
|
1 |
हार्ट ट्रांसप्लांट |
2 |
कार्डियोमायोपैथी (निश्चित गंभीरता की) |
3 |
स्ट्रोक जिसके परिणामस्वरूप स्थायी लक्षण होते हैं |
4 |
प्राइमरी (इडियोपैथिक) पल्मोनरी हाइपरटेंशन |
5 |
ओपन हार्ट रिप्लेसमेंट या हार्ट वाल्व को रिपेयर करना |
6 |
ओपन चेस्ट सीएबीजी (कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्ट) |
7 |
मायोकार्डियल इन्फ़र्क्शन (निश्चित गंभीरता का पहला हार्ट अटैक) |
8 |
एओर्टा की मेजर सर्जरी |
गंभीर बीमारी |
|
1 |
मेजर हेड ट्रॉमा |
2 |
बोल ना पाना |
3 |
अंगों का ख़राब होना |
4 |
अल्जाइमर की बीमारी |
5 |
अपैलिक सिन्ड्रोम |
6 |
अप्लास्टिक एनीमिया |
7 |
बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस |
8 |
ब्रेन ट्यूमर (जो घातक न हो) |
9 |
अंधापन |
10 |
क्रोनिक रेकर्रेंट पैन्क्रियाटाइटिस |
11 |
निश्चित गंभीरता का कोमा |
12 |
क्रूट्ज़फ़ेल्ड - जेकब रोग |
13 |
बहरापन |
14 |
इंसेफेलाइटिस |
15 |
आखिरी स्टेज पर लीवर फेलियर |
16 |
आखिरी स्टेज पर लंग फेलियर |
17 |
फुलमिनेंट वायरल हेपेटाइटिस |
18 |
किडनी फ़ेलियर जिसके लिए समय-समय पर डायलिसिस की ज़रूरत होती है |
19 |
स्वतंत्र अस्तित्व की हानि |
20 |
थर्ड डिग्री बर्न्स |
21 |
रेनल इंवॉल्वमेंट के साथ एसएलई |
22 |
गंभीर रूमेटाइड आर्थराइटिस |
23 |
प्रोग्रेसिव स्क्लेरोडर्मा |
24 |
पोलियोमाइलाइटिस |
25 |
अंगों का स्थायी पैरालिसिस |
26 |
मेजर ऑर्गन (हार्ट शामिल नहीं है)/बोन मैरो ट्रांसप्लांट |
27 |
मेडुलरी सिस्टिक किडनी रोग |
28 |
स्थायी लक्षणों के साथ मोटर न्यूरॉन रोग |
29 |
लगातार होने वाले लक्षणों के साथ मल्टीपल स्क्लेरोसिस |
30 |
मस्कुलर डिस्ट्रोफी |
31 |
पार्किंसन रोग |
निम्नलिखित बातों की मदद से, आप जान सकते हैं कि क्रिटिकल इलनेस बेनिफ़िट पॉलिसी के तहत कुछ सबसे सामान्य चीज़़ें क्या हैं:
क्रिटिकल इलनेस बेनिफ़िट पॉलिसी के तहत सबसे सामान्य इक्स्क्लूश़न को समझने में आपकी मदद करने के लिए यहां कुछ पॉइंट दिए गए हैं:
टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस के जरिए क्लेम करने के लिए, आप हमसे संपर्क करने के लिए निम्नलिखित में से कोई भी चैनल चुन सकते हैं:
यहाँ कुछ कारण दिए गए हैं जिनकी वजह से आपको टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस क्रिटिकल इलनेस बेनिफ़िट का विकल्प चुनना चाहिए:
गंभीर बीमारियों की एक रेंज को कवर करना
टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस क्रिटिकेयर विकल्प या किसी क्रिटिकल इलनेस राइडर के साथ, आपको अलग-अलग स्टेज की बीमारी और कई गंभीर बीमारियों से कवर किया जा सकता है. गंभीर बीमारी का पता चलने पर, प्लान विकल्प या राइडर के तहत बताई गई गंभीर बीमारी के इलाज के लिए लम्पसम बेनिफिट दिया जाएगा.
अपने परिवार के लिए सुरक्षा
क्रिटिकल इलनेस बेनिफिट की मदद से, आप और आपका परिवार मेडिकल केयर और इलाज के लिए आपकी सेविंग खर्च होने और निवेश में बाधा आने से बच सकते हैं. चूंकि क्रिटिकल इलनेस बेनिफ़िट ख़ास इस उद्देश्य के लिए डिज़ाइन किया गया है, इसलिए इसमें शामिल शर्तों और बीमारियों के अनुसार आप इस बेनिफिट का फायदा ले सकते हैं.
कम उम्र में कम प्रीमियम
अगर आप छोटी उम्र में ही क्रिटिकल इलनेस बेनिफ़िट ख़रीदते हैं, तो आपको कम प्रीमियम का फ़ायदा मिल सकता है. क्रिटिकल इलनेस राइडर के मामले में, आप अपने बेस इंश्योरेंस प्लान की पॉलिसी अवधि तक या बेनिफ़िट के लिए मैच्योरिटी की अधिकतम आयु तक सुरक्षित रह सकते हैं.
लम्पसम बेनिफिट
जब आपको आपके प्लान विकल्प या राइडर के तहत दी गई किसी गंभीर बीमारी होती है, तो आप हमारे पास क्लेम फाइल कर सकते हैं. क्लेम मंज़ूर हो जाने के बाद, हम आपको लम्पसम बेनिफिट का भुगतान करेंगे.
आसानी से ऑनलाइन ब्राउज करें
हमारे क्रिटिकल इलनेस बेनिफ़िट के बारे में आपको जो कुछ भी जानने की ज़रूरत है, वह टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस की ऑफिशियल वेबसाइट के साथ-साथ प्लान विकल्प या राइडर ब्रोशर पर आसानी से उपलब्ध है. क्रिटिकल इलनेस बेनिफ़िट ख़रीदने से पहले, आप सभी इन्क्लूश़न, एक्सक्लूज़न और कवरेज ब्राउज़ कर सकते हैं और फिर चुनाव कर सकते हैं.
टैक्स बेनिफिट पाएं
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80D के तहत, आप क्रिटिकल इलनेस बेनिफ़िट के प्रीमियम पेमेंट पर टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं. इसके अलावा, गंभीर बीमारी होने पर दिया जाने वाला लम्पसम बेनिफिट भी टैक्स-फ्री है.
क्रिटिकल इलनेस कवर क्या है?
क्रिटिकल इलनेस प्लान एक तरह का इंश्योरेंस कवर होता है, जो इंश्योर्ड व्यक्ति को जानलेवा और गंभीर बीमारियों या दिल का दौरा, कैंसर, किडनी फेलियर आदि जैसी कंडीशन से बचाता है. इस तरह की पॉलिसी से इंश्योर्ड व्यक्ति को लम्पसम राशि का भुगतान किया जाता है, ताकि वे और उनका परिवार गंभीर बीमारियों के मेडिकल खर्चों को कवर कर सकें, जैसा कि इंश्योरेंस पॉलिसी में बताया गया है.
इस लम्पसम बेनिफिट से इंश्योर्ड व्यक्ति के परिवार को इनकम में कमी होने पर उनके फाइनेंस को संभालने में भी मदद मिल सकती है.
आपको क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस की ज़रूरत क्यों है?
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस ज़रूरी है क्योंकि किसी गंभीर बीमारी के इलाज और उससे रिकवर होने का ख़र्च काफी ज़्यादा हो सकता है. अगर कोई गंभीर बीमारी से प्रभावित है, तो इसका मतलब यह भी है कि वह व्यक्ति अपने परिवार की मदद नहीं कर पाएगा, जिससे इनकम का नुकसान भी हो सकता है.
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस की मदद से, कोई भी व्यक्ति गंभीर बीमारी के इलाज से होने वाले खर्चों और इनकम में हुए नुकसान को दूर करने के लिए लम्पसम बेनिफिट प्राप्त कर सकता है.
क्या एक क्रिटिकल इलनेस प्लान एक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के समान है?
क्रिटिकल इलनेस प्लान की तुलना में हेल्थ इंश्योरेंस प्लान अलग-अलग बीमारियों, दुर्घटनाओं और दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के लिए व्यापक कवरेज प्रदान करता है. बाद वाले को खास तौर पर गंभीर बीमारियों से कवरेज देने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
हालाँकि अधिकांश क्रिटिकल इलनेस प्लान्स मोटे तौर पर ज्यादातर सभी गंभीर कंडीशन और बीमारियों को कवर करते हैं, लेकिन इसमें शामिल होने वाली गंभीर बीमारियों की संख्या और प्रकार में अंतर हो सकता है.
क्रिटिकल इलनेस प्लान के तहत आमतौर पर कवर होने वाली बीमारियों में से कौन सी बीमारियाँ हैं?
कैंसर, दिल की बीमारियाँ, टर्मिनल बीमारियाँ, स्ट्रोक और किडनी फ़ेलियर कुछ सबसे ज़्यादा कवर की जाने वाली बीमारियाँ और कंडीशन हैं, जिन्हें मोस्ट क्रिटिकल इलनेस प्लान्स के तहत कवर किया जाता है.
क्या मेरे पास क्रिटिकल इलनेस राइडर या क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस प्लान होना चाहिए?
अगर आपके पास लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी है, लेकिन आप गंभीर बीमारियों को भी कवर करवाना चाहते हैं, तो क्रिटिकल इलनेस राइडर एक अच्छा विकल्प है. हालाँकि, ध्यान दें कि एक क्रिटिकल इलनेस राइडर अधिकतम कवरेज ऑफ़र करेगा, जो किसी कंडीशन के इलाज के लिए आपके बेस लाइफ इंश्योरेंस प्लान के सम अश्योर्ड के बराबर होता है.
क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी के मामले में, आप अपनी ज़रूरतों के हिसाब से सम अश्योर्ड (बीमा राशि) चुन सकते हैं या जितनी पॉलिसी आपको चुनने में सक्षम बनाती है, उतनी राशि चुन सकते हैं. अगर आपकी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में अच्छी कवरेज है, तो आप अतिरिक्त प्रीमियम पर क्रिटिकल इलनेस राइडर का विकल्प चुन सकते हैं और गंभीर बीमारियों के ख़र्चों के लिए ख़ुद को कवर कर सकते हैं.
किसी व्यक्ति को कितना क्रिटिकल इलनेस कवरेज लेने की आवश्यकता है?
आपको अपनी ज़रूरतों, लाइफस्टाइल, उम्र और फाइनेंशियल क्षमता के हिसाब से अपने क्रिटिकल इलनेस प्लान का कवरेज तय करना चाहिए. आप गंभीर बीमारी के लिए पूरे इलाज के खर्च और बिना इंश्योरेंस पॉलिसी के ठीक होने की अवधि के बारे में विचार करें, ताकि यह पता चल सके कि आपको गंभीर बीमारी के लिए कितने कवरेज की ज़रूरत होगी.
क्या मैं उन बीमारियों को चुन सकता/सकती हूं जिन्हें मैं क्रिटिकल इलनेस कवर के तहत कवर करना चाहता/चाहती हूं?
नहीं, आप क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस कवर के तहत उन बीमारियों का चयन नहीं कर सकते, जिनके लिए आपको कवरेज लेना चाहते हैं. हर क्रिटिकल इलनेस प्लान में क्रिटिकल इलनेस लिस्ट होती है जो क्रिटिकल इलनेस की एक विस्तृत रेंज को कवर करती है. इंश्योरेंस प्रोवाइडर या आपके द्वारा चुने गए प्लान के आधार पर यह लिस्ट कुछ हद तक अलग हो सकती है. इसलिए आप मार्केट में उपलब्ध अलग-अलग प्लान्स देख सकते हैं और अपनी ज़रूरतों को पूरा करने वाला प्लान चुन सकते हैं.
हालाँकि, आप क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी के लिए कवरेज राशि चुन सकते हैं, ताकि गंभीर बीमारी होने के मामले में, आप अपनी पॉलिसी के द्वारा दिए गए कवरेज के अनुसार सबसे अच्छी देखभाल और इलाज का विकल्प चुन सकें.
क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस पॉलिसी की महत्वपूर्ण विशेषताएं क्या हैं?
क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी में कई मेजर कंडीशन, बीमारियों को कवर किया जाता है, जिन्हें ज़्यादातर स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज़ द्वारा कवर नहीं किया जा सकता है. यह कवर की गई बीमारी के होने के बाद इंश्योर्ड वयक्ति को लम्पसम राशि प्रदान करता है. ज़्यादातर क्रिटिकल इलनेस इंश्योरेंस प्लान्स के लिए, 45 वर्ष की आयु तक किसी मेडिकल जांच की ज़रूरत नहीं होती है. यह टैक्स बेनिफिट और नो क्लेम बेनिफिट प्रदान करता है.
क्या मेरे पास हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के साथ-साथ क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी भी हो सकती है?
हाँ, आपकी ज़रूरतों और समय पर प्रीमियम चुकाने की आपकी वित्तीय क्षमता के आधार पर, आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ-साथ क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी भी हो सकती है.
दोनों तरह की इंश्योरेंस पॉलिसियां अलग-अलग तरह के कवरेज देती हैं. आज की दुनिया में, भले ही आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी हो, क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी लेना भी उतना ही ज़रूरी है, क्योंकि लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों और इतनी सारी गंभीर बीमारी और उदाहरण है जो किसी को भी प्रभावित कर सकते हैं.
गंभीर बीमारी का पता चलने के बाद क्या मैं क्रिटिकल इलनेस प्लान ले पाऊंगा?
अगर आप पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, तो अपने इंश्योरेंस प्रोवाइडर को इस बारे में सूचित करना न भूलें. भले ही आप पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अधीन, क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी खरीद सकते हैं, उस वेटिंग पीरियड का ध्यान रखें, जिसके दौरान आपको किसी भी ट्रीटमेंट या प्रोसेस जिससे आपको गुजरना पड़ सकता है, को कवर नहीं किया जाएगा.
अस्वीकरण